महेफिल मे वह आय जब हम महफिल छोड चुके थे,
बात करने वह आय जब हम बोलना ही भुल चुके थे,
पुछने हाल वह आय जब हम बरदास भी कर चुके थे,
फुरसदभी तब मिलेगी जब हम ये जहा छोड चुके होगे,
शिल्पा प्रजापति...
Tuesday, 7 April 2009
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Wowwww....!!! tht's d whole shayari awesome... Nice Work Shilpa
ReplyDeletefantastic work
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